सेकुलरिज्स्म की आड़ मे संप्रदैकता
आज कल राजनीती मे सेकुलरिज्म की परिभाषा तय करने के लिए भूचाल मचा हुआ है | सभी राजनैतिक पार्टियाँ अपने को सेकुलर और १ व्यक्ति विशेष को सांप्रदायिक साबित करने मे जी जान से लगी हुई है | गुजरात दंगो को साम्प्रदायिकता के लिफाफे मे लपेट कर राज्य के मुख्यमंत्री पैर बहुत से आरोप लगाये जा रहे है | गुजरात दंगे कोई पहले से रची हुई साजिस नहीं थी बल्कि ये दंगे स्वाभाविक थे , विज्ञानं मे न्यूटन के अनुसार हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है इसीप्रकार गोधरा कांड भी साबरमती ट्रेन मे हिन्दुओ के जिन्दा जलाये जाने की प्रतिकिया थी | और अगर इस घटना को सामाजिक द्रष्टि से भी देखा जाये तो मोदी ने राजधर्म का पालन करते हुए दोषियों को सजा दी जो की राज्य का मुख्यमंत्री होने के नाते उनकी जिम्मेदारी थी | कोई भी मुख्यमंत्री अपनी जनता का संरछक होता है और अगर मोदी की जगह हम और आप होते तो भी यही करते और सायद बहुत लोग ऐसा करते भी होगे अगर किसी परिवार का कोई भी व्यक्ति किसी के द्वारा मारा जाता है तो उसका संरछक दोषी के पुरे परिवार को मानरे की कोशिश करता है यह एक सामान्य सी बात है जो की हर सच्चा जिम्मेदार व्यक्ति मानता है की ऐसा जरुर होना चाहिए था | हालाँकि हमारे कुछ भी कहने या न कहने से मोदी के उपर आरोप सिद्ध नहीं हो जाते क्योकि अदालत ने उन्हें दोषी नहीं मन है | बी. जे. पी. के नाम पर सदैव मोदी पर हमला करने वाले ढोगी सेकुलर कांग्रेस और एस. पी. को खुद आईने मे अपने आप को देखने की जरुरत है ये दोनों पार्टियाँ सेकुलरिस्म के नाम पर मुस्लिमो को अपना हमदर्द और मुस्लिमो के लिए सत्ता चलने वाली इन दोनों पार्टियों को मोदी से सेकुलरिस्म सीखना चाहिए | कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने मुस्लिमो को विशेष आरक्षण देने की बात कही और उत्तर प्रदेश सरकार ने तो मुस्लिमो के हित के लिए करोडो रुपया पानी की तरह बहाने की पूरी तैयारी कर ली है लेकिन गुजरात मे आज तक कभी सुनने को नहीं आया की कोई योजना विशेष रूप से हिन्दुओ के लिए है या मुस्लिमो के लिए तो आपकी नज़र मे सांप्रदायिक कोण हुआ ? मुस्लिमो को अपना बाप बना कर सत्ता का लालच देखने वाली पार्टियाँ या जाती धर्म से उपर उठ कर विकास करने वाला इन्सान ? कांग्रेस और एस. पी. मुस्लिमो के आंगे किस कदर झुक चुकी है इसके ताजे उदाहरण है मथुरा और बरेली के दंगे और आसाम मे हो रहा बंगलादेशी मुस्लिमो के द्वारा हिन्दुओ पर आत्याचार लेकिन वोते बैंक के लालच मे ये मुस्लिमो को कुछ कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाते और मीडिया भी इस कदर बिक चूका है कि वो हमेशा गोधरा कि बात करता है लेकिन और किसी जगह मीडिया कि आँखे नहीं जा पाती सायद वहां तक पहुचने से पहले उनकी नजरो के सामने रुपयों कि बारिश होने लगती होगी | कुछ दिन पहले प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आसाम के दंगे केंद्र सरकार कर दाग है तो गोधरा के दंगो के लिए उसका मुह क्यों नहीं खुलता कि वो भी केंद्र सरकार का दाग था राज्य सरकार या किसी १ आदमी का दाग नहीं |और यहाँ पर मे कांग्रेस और भाजपा मे कुछ अंतर लिख रहा हूँ |
१. कांग्रेस पूर्णतया भ्रष्ट हैं
२. बीजेपी में अब भी देशभक्ति के
२. बीजेपी में अब भी देशभक्ति के
प्रति आस्था हैं...लेकिन कांग्रेस
देशद्रोही हैं
३. आज देश में जिन दो राज्यों में
प्रगति की होड़ लगी हैं, गुजरात और
बिहार, बीजेपी शाशित ही हैं और
जिन राज्योंमें सबसेज्यादा घोटाले
हुवे हैं, महाराष्ट्र और दिल्ली, कांग्रेस
शाशित हैं
४. जहां बीजेपी जन-आन्दोलन
करना और जन-
आन्दोलनों का सम्मान
करना जानती हैं वहां कांग्रेस जन-
आन्दोलन को कुचलने में माहिर हैं
५. बीजेपी में भारतीय
संस्कृति की झलक हैं...कांग्रेस में न
तो कभी थी और ना ही आज हैं.
कांग्रेस की नीव ही विदेशियों ने
रखी हैं
६. बीजेपी में आज भी लाल चौक पे
तिरंगा फाहराने की प्यास है
जबकि कांग्रेस इस प्यास रखने
वालों के गले काटने को उतारू हैं
७. कांग्रेसी लोग
बीजेपी को सम्प्रदाई बताते हैं लेकिन
बीजेपी से ज्यादा सम्प्रदाई कांग्रेस
हैं.
८. बीजेपी एक विचार-धारा रखने
वाली पार्टी हैं
जबकि कांग्रेसकी विचार धारा केवल
विदेशियों को खुश रखने की हैं
१०. United Nations General
Assembly में सर्व प्रथम हिंदी में
भाषण देने का श्रेय अटल
बिहारी वाजपेयी को जाता हैं...
देशद्रोही हैं
३. आज देश में जिन दो राज्यों में
प्रगति की होड़ लगी हैं, गुजरात और
बिहार, बीजेपी शाशित ही हैं और
जिन राज्योंमें सबसेज्यादा घोटाले
हुवे हैं, महाराष्ट्र और दिल्ली, कांग्रेस
शाशित हैं
४. जहां बीजेपी जन-आन्दोलन
करना और जन-
आन्दोलनों का सम्मान
करना जानती हैं वहां कांग्रेस जन-
आन्दोलन को कुचलने में माहिर हैं
५. बीजेपी में भारतीय
संस्कृति की झलक हैं...कांग्रेस में न
तो कभी थी और ना ही आज हैं.
कांग्रेस की नीव ही विदेशियों ने
रखी हैं
६. बीजेपी में आज भी लाल चौक पे
तिरंगा फाहराने की प्यास है
जबकि कांग्रेस इस प्यास रखने
वालों के गले काटने को उतारू हैं
७. कांग्रेसी लोग
बीजेपी को सम्प्रदाई बताते हैं लेकिन
बीजेपी से ज्यादा सम्प्रदाई कांग्रेस
हैं.
८. बीजेपी एक विचार-धारा रखने
वाली पार्टी हैं
जबकि कांग्रेसकी विचार धारा केवल
विदेशियों को खुश रखने की हैं
१०. United Nations General
Assembly में सर्व प्रथम हिंदी में
भाषण देने का श्रेय अटल
बिहारी वाजपेयी को जाता हैं...
अगर बात सेकुलारिज़म कि होती है तो सेकुलारिज़म का मतलब अपने धर्म को मानते हुए किसी और धर्म को नुकशान न पहुचना होता है और मोदी सभी धर्मो का सम्मान करते है बल्कि हर हिन्दू सभी धर्म को सम्मान करता है , सभी हिन्दू भाई सिख, बौद्ध, जैन और अन्य धर्मो को अपने धर्म कि तरह मानते है और कभी उनको हानि पहुचने कि कोशिश नहीं करते यहाँ पर मैंने दो शब्दों का प्रयोग नहीं किया जिसे लोग धर्म मानते है क्यों कि धर्म वो होता है जो लोगो को जीने कि राह दीखता है और सदैव जीने के लिए प्रेरित करता है न कि वो जो सदैव मौत का भय दिखाए और दुसरे धर्मो कि पूजा करने से रोके | ये ब्लॉग सिर्फ मोदी जी के लिए नहीं था बल्कि ये हम सभी हिदू भाइयों के लिए है जो कि आज एकजुट नहीं है और मुस्लिमो कि यातनाओ का शिकार हो रहे है |
मेरी सभी हिन्दू भाइयों से अपील है कि सभी हिन्दू जाति को भूल कर एकजुट हो जाये और भविष्य मे होने वाले संकट से लड़ने को तैयार रहे कही ऐसा न हो कि मथुरा , बरेली और आसाम के बाद आपका नंबर हो |
जय माँ भवानी
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