Monday, September 17, 2012

'चोर' नेता 'भ्रष्ट' सरकार , कर रही भारत 'निर्माण'

सच है आज कल भारत निर्माण इतनी जोर से हो रहा है की इससे पहले कभी नहीं हुआ, और इस बार जो आम आदमी  के गाल पर तमाचा पड़ा है वो भी इससे पहले इतनी जोर से कभी नहीं पड़ा| ये भारत देश है यहाँ न तो लोकतंत्र है न राजतंत्र, यहाँ सिर्फ सोनियातंत्र चल रहा है | बालक राहुल गाँधी से लेकर बुजुर्ग प्रधानमंत्री और उनका पूरा मंत्रिमंडल सभी लोग माता सोनिया की आज्ञा से ही सब काम करते है | 
             आज के प्रमुख घोटाले कोयला और 2G घोटाला है लेकिन हमारे और आपके नेताओ को लगता है की हम इसको भूल जायेगे क्या सच मे हम इसको पहले की तरह भूल जायेगे या प्रतिज्ञा करेगे देश को लूटने वाली पार्टी को हमेशा के लिए देश से उखाड़ कर बहार कर दे| कांग्रेस के एक नेता जी के विचार कुछ इस प्रकार है | सुशील शिंदे ने कहा की भारत की 'जनता बोफोर्स की तरह कोयला घोटाले भी भूल जाएगी ' क्या हम इतने भुलाक्कड़ हो गए है ? आज हर तरफ भ्रस्टाचार और घोटाले छाए हुए है | देश की जनता की खून पसीने की कमाई को सरकार टैक्स के रूप में लेती है और घोलते करके अपने खजाने में भर लेती है| इस भ्रष्टतंत्र की जननी कांग्रेस सरकार है | कांग्रेस सरकार ने अपने 55 वर्ष से ज्यादा के कार्यकाल में भारत को गिनी चुनी ही उपलब्धियां हासिल करवाई है और अनगिनत घोटालो की सौगात दी है अगर हम नाम गिनने बैठे तो बहुत समय लग जायेगा| 
             यही कांग्रस सरकार है जो 2007 मे आम आदमी के साथ होने की बात कह कर  दुबारा सत्ता में आई थी, क्या किसी गरीब के घर खाना खा लेना ही आम आड़ मी का साथ देना है ? क्या सिर्फ बाते करने से आम आदमी को रहत मिल सकती है ? आज FDI एक बड़ी बहस बनी हुई है सभी जानते है की FDI आने से छोटा किराना व्यापारी बर्बादी के कगार पर पहुच सकता है  और जो किसानो के हित की बात कही जा रही है तो इसमें कोन से किसान का हित है ? कही फिर वही हालत न पैदा हो जाये जैसा की ईस्ट इंडिया कंपनी के समय थी ईस्ट इंडिया भी किसानो से सीधे माल खरीदती थी और किसानो की उस समय क्या हालत थे सभी जानते है | किसानो से सिर्फ वही खेती करवाई जाती थी जिसकी जरुरत कंपनी को होती थी नील की खेती इसका सबसे बड़ा उदाहरण है |
             आज कल कांग्रेस एक नया खेल खेल रही है वो हर दुसरे माह मे पेट्रोल के दाम ये कह कर बढ़ा देती है की तेल कंपनियों को घाटा हो रहा है और अगर कीमते न बढाई गयी तो कंपनी दिवालिया हो जाएगी, अब यहाँ पर एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठता है की अगर तेल कंपनी हमेशा घटे मई ही चलती है तो हर साल ये अपने शेयर धारको को लाभांश कहाँ से देती है और तेल इतना महगा क्यों है ? घटे की पूर्ति करने के लिए आम आदमी की ही जेब कटी जाती है ? कभी सरकार टैक्स कम क्यों नहीं करती ? इन्टरनेट से प्राप्त जानकारी के अनुसार  1 बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल होता है  (http://answers.yahoo.com/question/index?qid=20060804063457AAkCKnn ) आज 54 .02  रूपये का 1 डालर है और अंतररास्ट्रीय बाज़ार में आज का भाव इन्टरनेट से प्राप्त जानकारी के अनुसार  1 बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल होता है  (http://answers.yahoo.com/question/index?qid=20060804063457AAkCKnn ) आज 54 .02  रूपये का 1 डालर है और अंतररास्ट्रीय बाज़ार में आज का भाव 95 . 86 $ है इस हिसाब से 1 लीटर कच्चा तेल 32 रूपये का पड़ता है | कच्चे तेल को शुद्ध करने मई 5 रूपये प्रति लीटर की लगभग लगत आती है इस प्रकार १ लीटर तेल हमको 38 रूपये में मिलता है जो की पेट्रोल पम्प तक आते आते 70 - 72 रूपये तक हो जाता है | 38 से 72 पुरे ३४ रूपये का अंतर है यानि की लगभग 100 % की बढ़ोतरी ये बढ़ोतरी कहाँ से होती है ? ये rupya सरकार के खाते मई जता है टेक्स के रूप मे और सरकार हमको कहती है की वो हमको सब्सिडी दे रही है | आप ही बताये सरकार हमको सब्सिडी दे रही है या हमको लूट रही है | अब हमको ही सोचना चाहिए की ये भ्रष्ट सरकार भारत निर्माण कर सकती है ये सिर्फ भारत बर्बाद कर रही है |


 समय है सोचने का .......................

धन्यवाद 

(सौरभ 'भारतीय')

Saturday, September 8, 2012

भारत - झूठे लोकतंत्र का दिखावा

हम भारत को सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश के रूप मे जानते है पर क्या कभी हमने  लोकतंत्र का मतलब सोचा है ? क्या कभी हमने जानने की कोशिश की,  लोकतंत्र होता क्या है ? हमारे नेता हमेशा कहते रहते है कि भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और यहाँ कि सरकार जनता द्वारा चुनी जाती है | आज कल कांग्रेस एक खास पार्टी को निशाना बना कर कहती है कि अमुख पार्टी  संसद का सत्र नहीं चलने दे रही है वो पार्टी लोकतंत्र कि हत्यारी पार्टी है पर क्या कांग्रेस ने कभी खुद के गिरेवान  में  झांक कर देखा है कि उसने भारतवाशियों को 65 सालो तक लोकतंत्र के नाम पर धोखा दिया है उसकी भरपाई कौन करेगा  ? और पता नहीं ये झूठा लोकतंत्र हम कब तक बर्दास्त करेगे ? 
          पहले तो  हम लोकतंत्र का सही  मलतब  जानते है, लोकतंत्र उस  व्यवस्था  को कहते है जिसमे किसी  देश कि जनता अपना प्रधानमंत्री,  राष्ट्रपति और अपना मुख्यमंत्री   स्वयं चुनता है  या यु कहे कि जनता अपना नेता खुद चुनती है| भारत  में  भी हमारी  सरकारे   कहती है कि हमारे देश का प्रधानमंत्री आम जनता द्वारा चुना जाता है इस बात  में  कितनी सच्चाई है ये मई आपसे ही पुचना चाहता हु | आप लोगो  मे से कितने लोगो ने मनमोहन सिंह को वोट किया था की वे हमारे प्रधानमंत्री बने या फिर आप लोगो मे से कितने लोग है जिन्होंने कभी भी अपने राष्ट्रपति को चुनने के लिए वोट किया है या फिर आपमें से कोई भी एक ऐसा व्यक्ति है जिसने अपने राज्य के मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री पद के लिए वोट किया हो ? पद पर चुन कर भेजना तो बहुत दूर की बात होती है  भारत के लोकतंत्र मे आम जनता को इतना भी हक नहीं है कि वे अपने प्रतिनिधि के नाम का सुझाव दे सके क्या कभी कोई पार्टी चुनावो से पहले आम जनता के बिच जा कर पूछती है कि उसे  कौन  सा नेता पसंद है जिसे वो अपना प्रतिनिधित्व सौपना चाहते है ? 
         दरअसल भारत मे लोकतंत्र जैसी कोई व्यवस्था है ही नहीं हमारा नेता १२० करोड़ लोगो द्वारा नहीं बल्कि 250 -300 लोगो द्वारा चुना जाता है इसलिए हम उससे ये भी उम्मीद नहीं कर सकते की वो जनता के लिए काम करेगा या जनता के प्रति उसकी कोई जवाबदेही होगी| ये समय है भारत की जनता के जागने का हमे अपने अधिकारों और हकों की रक्षा के लाइए जागरूक होना चहिये|  चुनावी मौसम आते ही बहुत सी पार्टियों के कार्यकर्त्ता आपके पास आयेगे और अगले 5 सालो तक लुटने के लिए फिर से अनुमति मागेगे लेकिन इस बार आप सभी को अपने विवेक से काम लेना होगा कांग्रेस सत्ता मई 55 सालोंसे अधिक रही है और उसने देश को कितना लुटा है और कितना विकास किया है ये आप लोग अच्छी तरह से जानते है सबसे ज्यादा समय तक सत्ता मे रहने के कारण कांग्रेस की नैतिक जिम्मेदारी बनती थी की वो संविधान मे संशोधन करके आम जनता को उसका हक दिला सकती थी लेकिन आज़ादी के बाद पहली बार एक वित्त मंत्री को राष्ट्रपति बना कर कांग्रेस ने तो संविधान की धज्जियाँ उड़ा दी हम ऐसी पार्टी से क्या उम्मीद करेगे जो सिर्फ अपने भले के लिए घोटालो पर घोटाले किये जा रही है और प्रधानमंत्री शांत रहने ही अपने कर्त्तव्य समझते है हम सभी देश वाशियों को शपथ लेनी चहिये की इस बार वो अपने हक की बात रखेगे जब भी कोई आपके पास वोट मांगने आएगा तो आप उससे अपनी बात कहेगे और हम मीडिया के माद्यम से भी आम जनता की आवाज को ऊपर तक उठाने का प्रयास करेगे| हम मीडिया से भी उम्मीद करते है की जो अपने को सबसे तेज और खबर हर कीमत पर दिखने का दावा करते है वो भी इस बात का मर्म समझेगे और जनता को उसके हक और अधिकार दिलाने के लिए साझा लड़ाई लगेगे |

जय हिंद 
सौरभ बाजपाई 

Wednesday, September 5, 2012

क्या धर्म के नाम पर एक और विभाजन को तैयार है देश !

अभी असम हिंसा शांत  नहीं हुई है , मुंबई, पुणे. लखनऊ , इलाहाबाद मे हुई हिंसा की आग अभी सुलग रही है , कानपुर आज भी बेचैन है.| ऐसे मे सरकार और कुछ कथित सेकुलर शांत बैठे हुए है और मुस्लिम धर्म गुरु जहर फ़ैलाने का काम पूरी ईमानदारी के साथ कर रहे है और कोई भी सेकुलर नेता इनकी बात का जवाब देने की हिम्मत नहीं करता है और भारत मे सेकुलारिजम फ़ैलाने मे अहम् रोल निभाने वाला मीडिया भी ऐसे प्रतिक्रिया करता है की उसे कुछ गलत ही नहीं लगता है.| मै बात कर रहा हु कश्मीर मे हुर्रियत के नेता गिलानी की जिसने कहा है की अमरनाथ  यात्रा इस्लाम के खिलाफ है और इसे बंद होना चहिये, इस बात पर कांग्रेस सरकार को कुछ भी गलत नहीं लगा सनद रहे ये वही कांग्रेस सरकार है जिसने वरुण गाँधी के उपर रास्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया था क्योकि वरुण जी ने कहा था की  हिन्दू धर्म अनाथ नहीं है और जो भी इसकी तरफ देखेगा उसकी आँखे निकल लेगे| गाँधी जी ने किसी और धर्म का नाम नहीं लिया फिर भी उन पर कारवाही की गयी अब सवाल ये उठता है की अगर पीलीभीत मे कही गयी ये बात रास्त्र के लिए खतरा थी तो गिलानी को माफ़ी क्यों ? गिलानी पर कोई कारवाही क्यों नहीं की जा रही है और मीडिया ने भी इस खबर को इतनी बारीकी से बड़ा दिया  मानो  की कुछ हुआ ही न हो | 
             ये तो एक मुस्लिम नेता की बात थी अब हम कुछ सेकुलर नेताओ की बात करते है| बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो कमाल  ही कर दिया उन्होंने बंगाल मे एक ऐसा अस्पताल बनवाया है जिसमे सिर्फ मुसलमान ही इलाज़ करवा सकते है| लगता है उनके राज्य मे बीमारिया सम्प्रदैयिक हो गयी है जो सिर्फ मुसलमानों के हो रही है शुक्र है अभी तक ममता दी ने इसमें RSS का हाँथ नहीं बताया की मुसलमानों को ही बीमारी होने मे भी RSS का हाँथ है| अब एकदम ताजा मामला सामने लाता हुआ हमारे NDA  के सहयोगी घटक मे से एक और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश जी उनको तो शायद सेकुलरिस्म के दौरे पड़ने लगे है ऐसा लगता है की 7 जनपथ से वो कुछ प्रसाद खा कर आये है हद तो तब हो गयी जब नितीश ने मुंबई पोलिस पर आरोप लगाया की पुलिस ने बिहार से मुंबई हिंशा के आरोपी को ऐसे उठा लाये जैसे की उसका अपहरण किया गया हो | गौरतलब है की मुंबई पुलिस पहले ही कह चुकी थी की आरोपी बिहार के रहते से नेपाल भागने वाले थे जहाँ से सायद वे पकिस्तान चले जाते लगता है इतनी बात नितीश के दिमाग मई नहीं चडी और उन्होंने अपहरण जैसा घटिया आरोप लगा डाला | नितीश जी को सेकुलरिस्म की बीमारी इतनी बढ चुकी है की रात को उनको मोदी जी के सपने भी आने लगे होगे वो मोदी से साथ खड़े होने से ऐसे घबराते है जय की मच्छर आल आउट के पास जाते से डरता है|  आज राजनीती इतनी गिर चुकी है और इतनी ज्यादा मुस्लिम तुस्टीकरण की तरफ बढ रही है की आज के नेताओ को हिन्दू शब्द गली जैसा लगने लगा है  हम इफ्तार की पार्टियों मे मुल्ला टोपी लगा कर घुमने वाले नेता देख सकते है और अपनी सभाओ मे उर्दू मे पार्टी का नाम लिखा कर अपने को सबसे बड़ा सेकुलर बताने वाली पार्टी मिल जाएगी लेकिन आपको 1 या  2 नेता ही ऐसे मिलेगे जो सावन या नवरात्र मे किसी मंदिर जाने की  हिम्मत करते है और मुझे सिर्फ एक ही ऐसा नेता दिखता है जो बिना किसी झिझक के हमेशा अपने साथ भगवा वस्त्र रखता है और खुल कर हिन्दू धर्म के लिए बात करता है स्वामी विवेकानंद के वो भक्त है और उनके ही नामराशी है |
भारत पहले ही 3  हिस्सों मे बाँट चुका  है (भारत, पकिस्तान] बंगलादेश ) अब नया मुस्लिम प्रेम कही भारत के सिने को फिर से नए बटवारे का जखम न दे दे | ऐसे मे सभी लोगो से उम्मीद की जाती है की वे इस बार ऐसा नेता चुनेगे जो धर्म के आधार पर सबको न देखता हो और एक सेअल NDA से भी है सबको पता है की राष्ट्रपति और उप्रस्त्रपति चुनाव मे कांग्रेस के साथ खड़े हो चुदे जद(यु)  को वो क्यों झेल रही है आज भी आरक्षण बिल पर वो बीजेपी के खिलाफ थे और प्रबल आशंकाए है की 2014 मे वो कांग्रेस के ही साथ होगे | NDA को आम जनता का ख्याल रखते हुए और जनता की भावनाओ का ख्याल रखते हुए मोदी जी को प्रधानमंत्री पद के लिए खड़ा करना चहिये ऐसा करने से हो सकता है की सायद BJP को पूर्ण बहुमत हासिल हो जाये आज से समय मे युवा के लिए मोदी रोल मोडल से कम  नहीं   है| युवाओ की मानसिकता के अनुसार अगर  मोदी को इस बार खड़ा न किया गया तो भरी मात्रा मे BJP विरोधी वोटिंग होगी ऐसी स्थिति से बचने के लिए BJP को प्रखर हिन्दू वादी छावी वाले नेता को ही उतरना चहिये क्युकी हिन्दू धर्म को सिर्फ BJP से ही उम्मीद है की वे धर्म की रक्षा करते हुए देश को तरक्की की नयी उचुइयो तक ले जायेगे जैसा गुजरात मे हो रहा है |
    शास्त्रों मे भी लिखा है की जहाँ धर्म का पालन किया जाता है वहां तरक्की होती है और हिन्दू धर्म तो सनातन है जब किसी और धर्म का कोई अस्तित्व नहीं था तब हिन्दू  धर्म था और हिन्दू धर्म ही है जो मानवता और प्रकति से प्रेम करना सिखाता है मे उन धर्मको को धर्म नहीं मानता जो लोगो के दिल मे क़यामत के दिन के रूप मे मौत का डर भरते हो, जो धर्म के नाम पर दंगे  करवाते   है , दुसरे  के धर्म को निचा कहते है और जानवरों को जान से मरने को कहते है| इसलिए सभी नेताओ से अनुरोध है की वे भी जल्द से जल्द अपनी नींद से जग जाये और पूर्ण रूप से हिंदुत्व को अपना ले अगर उनके जागने से पहले हिन्दू जाग गया तो  बहुत देर हो जाएगी|


सौरभ बाजपाई 

Saturday, September 1, 2012

मोदी विरोध बना TRP बटोरना का नया चलन


आज मै टीवी पर देखते हुए हैरान रह गया, मुझे उम्मीद भी नहीं थी की न्यूज़ चेनल वाले TRP  के लिए कुछ भी कर सकते है कोई भी न्यूज़ दिखा कर जनता को भ्रमित कर सकते है. आज १-०९-२०१२ को शाम को टीवी पर रात ८  बजे से अचानक न्यूज़ चली 'ब्रांड मोदी ' इसमें बताया जा रहा था की मोदी ने जानबूझ  कर गूगल मै आने के लिए वो दिन चुना जिस दिन दंगो के आरोपियों को सजा होनी थी. मोदी सभी चीजो को मैनेज करना जानते है |
 यह न्यू देख कर मेरे दिमाग मै सिर्फ यही सवाल आया की सबसे तेज खबरे दिखने वाले चेनल और सच बोलने की हिम्मत रखने वाले मीडिया को क्या इस बात की जानकारी नहीं थी की मोदी जी ने १७ अगस्त को ही गूगल मै ऑनलाइन आने की घोषणा कर दी थी और दंगो के आरोपियों को सजा सुनाने की तारीख २९ अगस्त को बताई गयी थी ? यह तो सिर्फ एक उदाहरण मात्र है और भी बहत सरे न्यूज़  चेंनल है जिनका काम सिर्फ मोदी को बदनाम  करना है| अब तो लगता है की मीडिया लोकतंत्र का चोथा स्तंभ न होकर सरकार की नौकर बन गयी है. अब समय है की देश के कुछ स्वतंत्र मीडिया समूह उभर कर आये जिससे की आम जनता को सही और सटीक खबरे मिल सके और सभी आम जनता से भी अपील है की वे किसी बड़े नाम से प्रभावित हो कर खबरे न देखे बक्ली सही और सच्ची खबरे दिखने वाले चेनल को ही देखे |

जय हिंदी| जय माँ भवानी 
सौरभ बाजपाई