Wednesday, September 5, 2012

क्या धर्म के नाम पर एक और विभाजन को तैयार है देश !

अभी असम हिंसा शांत  नहीं हुई है , मुंबई, पुणे. लखनऊ , इलाहाबाद मे हुई हिंसा की आग अभी सुलग रही है , कानपुर आज भी बेचैन है.| ऐसे मे सरकार और कुछ कथित सेकुलर शांत बैठे हुए है और मुस्लिम धर्म गुरु जहर फ़ैलाने का काम पूरी ईमानदारी के साथ कर रहे है और कोई भी सेकुलर नेता इनकी बात का जवाब देने की हिम्मत नहीं करता है और भारत मे सेकुलारिजम फ़ैलाने मे अहम् रोल निभाने वाला मीडिया भी ऐसे प्रतिक्रिया करता है की उसे कुछ गलत ही नहीं लगता है.| मै बात कर रहा हु कश्मीर मे हुर्रियत के नेता गिलानी की जिसने कहा है की अमरनाथ  यात्रा इस्लाम के खिलाफ है और इसे बंद होना चहिये, इस बात पर कांग्रेस सरकार को कुछ भी गलत नहीं लगा सनद रहे ये वही कांग्रेस सरकार है जिसने वरुण गाँधी के उपर रास्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया था क्योकि वरुण जी ने कहा था की  हिन्दू धर्म अनाथ नहीं है और जो भी इसकी तरफ देखेगा उसकी आँखे निकल लेगे| गाँधी जी ने किसी और धर्म का नाम नहीं लिया फिर भी उन पर कारवाही की गयी अब सवाल ये उठता है की अगर पीलीभीत मे कही गयी ये बात रास्त्र के लिए खतरा थी तो गिलानी को माफ़ी क्यों ? गिलानी पर कोई कारवाही क्यों नहीं की जा रही है और मीडिया ने भी इस खबर को इतनी बारीकी से बड़ा दिया  मानो  की कुछ हुआ ही न हो | 
             ये तो एक मुस्लिम नेता की बात थी अब हम कुछ सेकुलर नेताओ की बात करते है| बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो कमाल  ही कर दिया उन्होंने बंगाल मे एक ऐसा अस्पताल बनवाया है जिसमे सिर्फ मुसलमान ही इलाज़ करवा सकते है| लगता है उनके राज्य मे बीमारिया सम्प्रदैयिक हो गयी है जो सिर्फ मुसलमानों के हो रही है शुक्र है अभी तक ममता दी ने इसमें RSS का हाँथ नहीं बताया की मुसलमानों को ही बीमारी होने मे भी RSS का हाँथ है| अब एकदम ताजा मामला सामने लाता हुआ हमारे NDA  के सहयोगी घटक मे से एक और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश जी उनको तो शायद सेकुलरिस्म के दौरे पड़ने लगे है ऐसा लगता है की 7 जनपथ से वो कुछ प्रसाद खा कर आये है हद तो तब हो गयी जब नितीश ने मुंबई पोलिस पर आरोप लगाया की पुलिस ने बिहार से मुंबई हिंशा के आरोपी को ऐसे उठा लाये जैसे की उसका अपहरण किया गया हो | गौरतलब है की मुंबई पुलिस पहले ही कह चुकी थी की आरोपी बिहार के रहते से नेपाल भागने वाले थे जहाँ से सायद वे पकिस्तान चले जाते लगता है इतनी बात नितीश के दिमाग मई नहीं चडी और उन्होंने अपहरण जैसा घटिया आरोप लगा डाला | नितीश जी को सेकुलरिस्म की बीमारी इतनी बढ चुकी है की रात को उनको मोदी जी के सपने भी आने लगे होगे वो मोदी से साथ खड़े होने से ऐसे घबराते है जय की मच्छर आल आउट के पास जाते से डरता है|  आज राजनीती इतनी गिर चुकी है और इतनी ज्यादा मुस्लिम तुस्टीकरण की तरफ बढ रही है की आज के नेताओ को हिन्दू शब्द गली जैसा लगने लगा है  हम इफ्तार की पार्टियों मे मुल्ला टोपी लगा कर घुमने वाले नेता देख सकते है और अपनी सभाओ मे उर्दू मे पार्टी का नाम लिखा कर अपने को सबसे बड़ा सेकुलर बताने वाली पार्टी मिल जाएगी लेकिन आपको 1 या  2 नेता ही ऐसे मिलेगे जो सावन या नवरात्र मे किसी मंदिर जाने की  हिम्मत करते है और मुझे सिर्फ एक ही ऐसा नेता दिखता है जो बिना किसी झिझक के हमेशा अपने साथ भगवा वस्त्र रखता है और खुल कर हिन्दू धर्म के लिए बात करता है स्वामी विवेकानंद के वो भक्त है और उनके ही नामराशी है |
भारत पहले ही 3  हिस्सों मे बाँट चुका  है (भारत, पकिस्तान] बंगलादेश ) अब नया मुस्लिम प्रेम कही भारत के सिने को फिर से नए बटवारे का जखम न दे दे | ऐसे मे सभी लोगो से उम्मीद की जाती है की वे इस बार ऐसा नेता चुनेगे जो धर्म के आधार पर सबको न देखता हो और एक सेअल NDA से भी है सबको पता है की राष्ट्रपति और उप्रस्त्रपति चुनाव मे कांग्रेस के साथ खड़े हो चुदे जद(यु)  को वो क्यों झेल रही है आज भी आरक्षण बिल पर वो बीजेपी के खिलाफ थे और प्रबल आशंकाए है की 2014 मे वो कांग्रेस के ही साथ होगे | NDA को आम जनता का ख्याल रखते हुए और जनता की भावनाओ का ख्याल रखते हुए मोदी जी को प्रधानमंत्री पद के लिए खड़ा करना चहिये ऐसा करने से हो सकता है की सायद BJP को पूर्ण बहुमत हासिल हो जाये आज से समय मे युवा के लिए मोदी रोल मोडल से कम  नहीं   है| युवाओ की मानसिकता के अनुसार अगर  मोदी को इस बार खड़ा न किया गया तो भरी मात्रा मे BJP विरोधी वोटिंग होगी ऐसी स्थिति से बचने के लिए BJP को प्रखर हिन्दू वादी छावी वाले नेता को ही उतरना चहिये क्युकी हिन्दू धर्म को सिर्फ BJP से ही उम्मीद है की वे धर्म की रक्षा करते हुए देश को तरक्की की नयी उचुइयो तक ले जायेगे जैसा गुजरात मे हो रहा है |
    शास्त्रों मे भी लिखा है की जहाँ धर्म का पालन किया जाता है वहां तरक्की होती है और हिन्दू धर्म तो सनातन है जब किसी और धर्म का कोई अस्तित्व नहीं था तब हिन्दू  धर्म था और हिन्दू धर्म ही है जो मानवता और प्रकति से प्रेम करना सिखाता है मे उन धर्मको को धर्म नहीं मानता जो लोगो के दिल मे क़यामत के दिन के रूप मे मौत का डर भरते हो, जो धर्म के नाम पर दंगे  करवाते   है , दुसरे  के धर्म को निचा कहते है और जानवरों को जान से मरने को कहते है| इसलिए सभी नेताओ से अनुरोध है की वे भी जल्द से जल्द अपनी नींद से जग जाये और पूर्ण रूप से हिंदुत्व को अपना ले अगर उनके जागने से पहले हिन्दू जाग गया तो  बहुत देर हो जाएगी|


सौरभ बाजपाई 

No comments:

Post a Comment